SEO

कोई भी ऑनलाइन बिजनेस Digital marketing के बिना survive नहीं कर सकता जिसका मेजर फैक्टर SEO ( Search Engine Optimization) होता है SEO होता है सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन यानि कि SEO ( Search Engine Optimization) वो बहुत से टूल्स और प्रैक्टिस इसका ऐसा कलेक्शन है जो सर्च इंजन रिजल्ट में कि आपकी वेबसाइट और चैनल को हाई रैंकिंग पर लाने में हेल्प करता है जिससे आपकी हाईट और चैनल पर ज़्यादा ऑर्गेनिक ट्रैफिक आता है
और यह तो जानते ही होंगे कि सर्च इंजन क्या होता है ऐसी वेबसाइट जिसके जरिए यूजर्स इंटरनेट कंटेंट सर्च करते हैं जैसे गूगल याहू और बिंग और याहू जैसे सर्च इंजंस. SEO ( Search Engine Optimization) से आप अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक और high-ranking ला सकते हैं
और सर्च इंजंस पर किसी वेबसाइट की रैंकिंग हासिल करने के लिए SEO ( Search Engine Optimization) को कैसे अप्लाई किया जाए आप जानते हैं कि सर्च इंजन कैसे काम करता है SEO ( Search Engine Optimization) सर्च इंजन से रिलेटेड है
इसी लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि सर्च इंजन कैसे काम करता है इसे आसानी से समझने के लिए आप यह जानकारी की दुनिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी गूगल सर्च इंजन की है और Google लाइब्रेरियन है जिसने अलग-अलग हजारों-लाखों वेब पेजेस को ऑर्गेनाइज करके रखा हुआ है और जब आपको कोई इंफॉर्मेशन चाहिए होती है तो आप Google पर सर्च में अपनी क्वेरी लिखते हैं और Google उससे related बेस्ट इनफॉरमेशन सुन राइज में से निकालकर आपके सामने रख देता है
लेकिन क्योंकि प्रोसेस ऑनलाइन है इसलिए यह तीन प्रोसेस से मिलकर तैयार होता है ट्रोलिंग इंजेक्टिंग और रैंकिंग ट्रोलिंग वह प्रोसेस है जिसके जरिए सर्च इंजन के स्पाइडर भी कहा जाता है वेब कॉन्टेंट इस कवर करते हैं फिर दैनिक सिंह प्रोसेस में अलग-अलग इंडेक्स में कॉन्टेंट को जोड़कर ऑर्गेनाइज किया जाता है और फिर सेकेंड से भी कम टाइम में यूजर की सर्च क्वेरी के लिए बेस्ट सूटेबल कांटेस्ट की रैंकिंग करके यूजर की सर्च रिजल्ट में शो कर दिया जाता है
एक SEO ( Search Engine Optimization) एक्सपोर्ट के रूप में आपको प्लीज साइड को इस तरीके से आप रिमाइंड करना होगा कि सर्च इंजंस उसे आसानी से रीड कर सके और इंडेक्स कर सके तभी तो आप की वेब साईट को टॉप रैंकिंग में जगह मिल पाएगी सर्च इंजन कैसे वह करता है यह जाने के बाद आपको अगले स्पेसिफिक कीवर्ड रिसर्च को भी अच्छे से समझना होगा वैसे तो ऐसी हो कि थ्री टाइप्स में कीवर्ड सर्च करना और लिंक बिल्डिंग जैसे टास्क भी शामिल होते हैं
कीवर्ड रिसर्च करके आप अपने टारगेट मार्केट को समझ सकते हैं और यह भी पता लगा सकते हैं कि वह किस तरह आपके कौन ट्रेन सर्विसेस या प्रोडक्ट्स को सर्च कर रहे हैं इतना पता चलने के बाद आप आसानी से अपनी वेबसाइट को उन तक पहुंचा सकेंगे और सर्च इंजन पर high-ranking और ज्यादा से ज्यादा और अतिरिक्त ट्रैफिक खिलाना आपके लिए आसान हो जाएगा इसलिए कीवर्ड रिसर्च को इंपॉर्टेंस देनी होगी
एक्सपोर्ट के तौर पर आपको लिंक बिल्डिंग में भी एक्सपोर्ट बनना होगा ताकि अब इस वेबसाइट का SEO ( Search Engine Optimization) करें उसे ऑथेंटिक और ट्रस्ट वर्दी बना सके लेकिन अगर आपको लगता है कि ऐसा क्यों केवल कीवर्ड्स और लिंग तक ही सीमित है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है SEO ( Search Engine Optimization) इससे कहीं ज्यादा है
और इसका पर बस केवल सर्च इंजन ट्रैफिक को बढ़ाना ही नहीं है बल्कि ट्रैफिक को विजिटर्स और कस्टमर्स में कंवर्ट करना भी है इसलिए आपको ऐसी चीजों के मेजर टाइप्स पता होनी चाहिए पहला ही टेक्निकल SEO ( Search Engine Optimization) टेक्निकल आपकी वेबसाइट की टेक्निकल एस्पेक्ट्स को इंप्रूव करता है ताकि सर्च इंजंस पर आपके पेजेस की रैंकिंग बेहतर हो सके
वेबसाइट से ट्रैफिक आ सके इसमें दूसरी वेबसाइट से बैकलिंक्स लेना और सोशल मीडिया पर प्रमोशन करने जैसी एक्टिविटीज जाती है जो वेबसाइट से बाहर होती है लेकिन उनका परपस भी बाकी दोनों ऐसी हूं जैसा ही होता है वैसे जहां तक युटुब सर्च की बात है तो यूट्यूब सर्च भी गूगल सर्च जैसा ही होता है अनुसार डिफरेंस नहीं होता है
यूट्यूब सर्च में ऐसे वीडियोस high-ranking पाते हैं ज्यादा देखा जाता है जिनका वह टाइम सादा होता है जिन्हें ऑडियो से ज्यादा लाइक किया होता है इसके अलावा वीडियो ज्यादा लोगों तक अपनी पहुंच बना लें इसके लिए YouTube हस्तियों का होता है जिसमें टाइटल डिस्क्रिप्शन टैग्स हम नील ऐसे बहुत सारे इंर्पोटेंट फैक्टर्स चाहते हैं और अगर आप किसी चैनल को यूट्यूब सर्च में हाई रैंक पर लाना चाहते हैं तो आपको इन सभी SEO ( Search Engine Optimization) और फैक्टर्स का प्रॉपर तरीके से यूज करना होगा
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